IND Editorial

Sanjay Purohit
दिखावा और शानो-शौकत छोड़ सादगी से निभाएं शादी की रस्में
दिखावे के चलते समाज का एक बड़ा हिस्सा अब शादियों पर जमकर पैसा खर्च कर रहा है। नई-नई वेन्यू, रस्में, ज्यादा मेहमान और वेडिंग प्लानर आदि पर खर्च की एक होड़ है। ऐसे खर्चीले आयोजन सीमित आय वर्ग के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं।
30 views • 2025-02-04
Sanjay Purohit
जैव विविधता की हानि – जीवन के अस्तित्व को खतरा
जलवायु परिवर्तन पर कम ही सही लेकिन हर साल सालाना सम्मेलन के वक्त कुछ चर्चा तो होती है लेकिन जैव-विविधता को लेकर मीडिया में चुप्पी ख़तरनाक है.
9 views • 2025-02-03
Sanjay Purohit
ऋतुराज बसंत : प्रकृति के वैभव और श्रृंगार का प्रतीक
वसंत पंचमी से प्रारंभ होकर फागुन तक ऋतुराज वसंत की ऊर्जा और उल्लास सब ओर कायम रहते हैं। वसंत ऋतु प्रकृति के वैभव, यौवन और शृंगार का प्रतीक है। इन दिनों शरद के तप से समृद्ध हुई प्रकृति खिलखिलाती, झूमती-गाती है। वसंत उसके ही जीवन में घटित होता है, जो जीवन के संघर्षों और अंधकारों पर विजय प्राप्त करता है।
156 views • 2025-02-03
Sanjay Purohit
अनंत को विज्ञान की कसौटी से परखने की नासमझी
ज्ञान मतलब सब कुछ जानने की क्षमता यानी जिसके बाद कुछ भी जानना शेष न रह जाए। ज्ञान केवल चेतना ही नहीं, प्रकृति के भी रहस्य उजागर कर देता है, क्योंकि ज्ञानी सृष्टि की बुद्धिमत्ता के साथ अपना संपर्क साध लेते हैं।
46 views • 2025-01-31
Sanjay Purohit
जहां जाने पर महकती है जिंदगी : फूलों की घाटिया
भारत की अनेक घाटिया अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और रंग-बिरंगे फूलों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन घाटियों में फूलों की किस्में और मनोरम दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं लगते। महाराष्ट्र से लेकर सिक्किम, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड तक, हर जगह फूलों की घाटिया अपने अनोखे आकर्षण से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करती हैं।
5456 views • 2025-01-25
Sanjay Purohit
मकर संक्रांति : विराट सनातन संस्कृति के दर्शन
मकर संक्रांति भारत के विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक और वैज्ञानिक आयामों का समागम है। यह पर्व न केवल कृषि और फसल की कटाई का प्रतीक है, बल्कि ऋतु परिवर्तन का भी संकेत देता है। इस दिन के उल्लास और समृद्धि का हर कोई अनुभव करता है और यह पर्व समाज में एकता, शांति और प्रकृति के साथ सामंजस्य का संदेश देता है।
0 views • 2025-01-13
payal trivedi
पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह को इन 5 कामों के लिए हमेशा याद रखेगा देश
साल 2024 सबको अलग-अलग वजह से याद रहेगा। वहीं देश की बात करे तो पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का इस दुनिया से जाना, देशभर के लिए एक दुखद याद बनकर रहेगी।
0 views • 2025-01-05
Sanjay Purohit
आर्थिक मंदी के आगाज की सम्भावनाये
मंदी का कारण और उसका उपाय खोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि लोगों का एक बड़ा वर्ग अभी भी बहुत गरीब है। इससे भी खराब यह कि अमीर-गरीब की आय में बहुत अंतर है, केवल एक छोटा वर्ग ही देश की उच्च अर्थव्यवस्था के फल का लाभ उठा रहा है।
0 views • 2025-01-03
Sanjay Purohit
डॉ. मनमोहन सिंह: एक कालजयी राजनेता
निस्संदेह, विख्यात अर्थशास्त्री और एक कुशल प्रशासक डॉ. मनमोहन सिंह का अवसान देश-दुनिया के लिये एक दुखद क्षण है। आज के दौर में उन जैसा कुशाग्र बुद्धि का अर्थशास्त्री व सहज-सरल व्यक्ति होना दुर्लभ ही है।
0 views • 2024-12-28
Sanjay Purohit
नशे के खिलाफ कदम: वर्तमान समय की सख्त जरूरत
निश्चित रूप से किसी राज्य या देश की जवानी का नशे के सैलाब में डूबना राष्ट्रीय क्षति ही है। इसके लिये नशे की आपूर्ति रोकने से लेकर प्रयोग तक पर नियंत्रण की राष्ट्रव्यापी मुहिम की जरूरत है।
0 views • 2024-12-16