IND Editorial

Sanjay Purohit
हिन्दी : शिवस्वरूपा और महाकाल
हिन्दी दिवस के एक दिन पूर्व यह लेख लिखते हुए मन में अपार गर्व और आत्मगौरव का अनुभव हो रहा है। निसंदेह हिन्दी दुनिया की श्रेष्ठतम भाषाओं में एक है। हर भाषा का अपना आकर्षण है, लेकिन हिन्दी अनेक मायनों में अद्वितीय और अनुपम है। इसमें सागर जैसी गहराई है, अंबर जैसा विस्तार है और ज्योत्स्ना जैसी शीतलता है।
79 views • 2025-09-13
Sanjay Purohit
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन : शिक्षा, दर्शन और राष्ट्रनायक का अद्भुत संगम
भारत भूमि ने समय-समय पर ऐसे महामानवों को जन्म दिया है जिनका जीवन केवल उनके युग तक सीमित नहीं रहता, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्गदर्शक बनता है। ऐसे ही एक महान विभूति थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन—दार्शनिक, शिक्षक, चिंतक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति। उनके व्यक्तित्व में ज्ञान, अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम दिखाई देता है।
110 views • 2025-09-05
Sanjay Purohit
संतति, संस्कृति और पितृपक्ष : सनातन परंपरा का जीवंत संवाद
सनातन संस्कृति की गहराई को समझना हो तो पितृपक्ष उसका सबसे जीवंत आयाम है। यह केवल 16 दिन का कर्मकांड नहीं है, बल्कि संतति और पूर्वजों के बीच संवाद का अवसर है। जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के दार्शनिक रहस्य को यह पर्व अपने भीतर समेटे हुए है।
151 views • 2025-09-02
Sanjay Purohit
गणेश: कालजयी सनातन संस्कृति के संवाहक
भारत की सनातन संस्कृति में यदि किसी देवता को सहजता, अपनापन और निकटता का प्रतीक माना जाए तो वह विघ्नहर्ता श्री गणेश हैं। हर शुभ कार्य से पहले उनका स्मरण केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन दर्शन का संदेश है—“आरंभ शुभ हो, पथ सरल हो और बुद्धि निर्मल हो।” यही कारण है कि गणेश केवल पूजनीय देवता ही नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के ऐसे संवाहक हैं जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी जीवन को दिशा देते आए हैं।
140 views • 2025-08-19
Sanjay Purohit
कृष्ण: सनातन धर्म के कालजयी नायक
मानव सभ्यता के विस्तृत इतिहास में यदि कोई ऐसा चरित्र है जिसने धर्म, दर्शन, प्रेम, राजनीति और अध्यात्म—सभी को एक साथ समेट लिया, तो वह हैं योगेश्वर श्रीकृष्ण। वे केवल एक पौराणिक कथा के पात्र नहीं, बल्कि सनातन धर्म की आत्मा, युगों-युगों के प्रेरणास्रोत और मानवता के शाश्वत नायक हैं।
161 views • 2025-08-16
Sanjay Purohit
79वाँ स्वतंत्रता दिवस: नए भारत की नई कहानी
15 अगस्त 2025 का सूर्योदय केवल एक राष्ट्रीय पर्व का संकेत नहीं, बल्कि एक ऐसे युग के आगमन की घोषणा है जहाँ भारत अपनी कहानी खुद लिख रहा है। आज़ादी के 79 वर्ष बाद हम केवल अतीत के गौरव का स्मरण ही नहीं कर रहे, बल्कि भविष्य के लिए एक ठोस संकल्प भी ले रहे हैं—"नया भारत", जो आत्मनिर्भर, सुरक्षित, समृद्ध और संवेदनशील हो।
198 views • 2025-08-15
Sanjay Purohit
आज़ादी का अमृत महोत्सव: उभरते भारत की नई तस्वीर
आज़ादी का अमृत महोत्सव केवल स्वतंत्रता के 78 वर्षों का उत्सव नहीं है, बल्कि यह उस नये भारत की झलक भी है, जो 21वीं सदी में आर्थिक और सामरिक दृष्टि से वैश्विक मंच पर एक सशक्त शक्ति बनकर उभर रहा है। आज भारत न केवल अपने गौरवशाली अतीत को पुनर्स्मरण कर रहा है, बल्कि भविष्य की वह रूपरेखा भी गढ़ रहा है।
220 views • 2025-08-14
Sanjay Purohit
स्वतंत्रता दिवस 2025 : क्या नागरिक कर्तव्य-बोध का क्षरण हो रहा है?
भारत अपनी आज़ादी का 79वां वर्ष मना रहा है। तिरंगा लहराता है, देशभक्ति के गीत गूंजते हैं, और हर ओर गर्व की अनुभूति होती है। लेकिन इस उत्सव के शोर में एक गंभीर प्रश्न दब जाता है—क्या हमारे भीतर नागरिक कर्तव्यों का बोध धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है? क्या हम केवल अधिकारों की बात कर रहे हैं, और जिम्मेदारियों को भूलते जा रहे हैं?
246 views • 2025-08-13
Sanjay Purohit
कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्: जन्माष्टमी एक पर्व नहीं, आत्मचेतना का आह्वान
हर वर्ष भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी की रात एक ऐसा दिव्य क्षण लेकर आती है, जब भारत की सांस्कृतिक आत्मा श्रीकृष्ण के रूप में पुनर्जन्म लेती है। यह केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि उस चेतना का स्मरण है जो जीवन को शाश्वत दिशा देती है।
161 views • 2025-08-11
Sanjay Purohit
भारतीय संस्कृति का अद्भुत पर्व: रक्षाबंधन
भारतवर्ष की संस्कृति विश्व में अपने गहन भाव-संपन्न पर्वों, आत्मीय परंपराओं और संबंधों की गरिमा के लिए जानी जाती है। इन्हीं में से एक अद्वितीय पर्व है — रक्षाबंधन। यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्सव है, जो भारतीय मानस की गहराइयों से उपजा है।
207 views • 2025-08-07